अपना छठा एकदिवसीय मैच खेलते हुए प्रतीका रावल (Pratika Rawal) ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाया और 129 गेंदों पर 154 रन बनाए।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सलामी बल्लेबाज प्रतीका रावल (Pratika Rawal) ने बुधवार 15 जनवरी 2025 को आयरलैंड के खिलाफ तीसरे और अंतिम एकदिवसीय मैच में राजकोट में शानदार शतक जड़ा। अपना छठा एकदिवसीय मैच खेलते हुए प्रतीका ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाया और 129 गेंदों पर 154 रन बनाए।
प्रतीका ने स्टैंड-इन कप्तान स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) (135) के साथ ओपनिंग साझेदारी में 233 रन जोड़े, जिन्होंने अपना 10वां वनडे शतक बनाया, उन्होंने यह साझेदारी सिर्फ़ 70 गेंदों पर की। इस जोड़ी की बदौलत भारत ने पांच विकेट पर 435 रन बनाए, जो 50 ओवर के प्रारूप में उनका अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है।
Who is Pratika Rawal?
प्रतीक रावल (Pratika Rawal) भारतीय महिला क्रिकेट में तेजी से एक जाना-माना नाम बन रही हैं। 1 सितंबर 2000 को दिल्ली में जन्मीं प्रतीक रावल रेलवे के लिए घरेलू क्रिकेट खेलती हैं। उनके पिता प्रदीप रावल (Pradeep Rawal) दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (Delhi & District Cricket Association) के BCCI-प्रमाणित लेवल-II अंपायर हैं।
क्रिकेट के अलावा, प्रतीका ने राजेंद्र नगर स्थित बाल भारती स्कूल(Bal Bharati School) के लिए बास्केटबॉल भी खेला और जनवरी 2019 में दिल्ली में आयोजित 64वें स्कूल राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीता।
उन्होंने सबसे पहले रोहतक रोड जिमखाना क्रिकेट अकादमी में कोच शरवन कुमार के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लिया। उन्होंने पिछले महीने वेस्टइंडीज (West Indies) के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
प्रतीका (Pratika Rawal) का क्रिकेट से रिश्ता 10 साल की छोटी सी उम्र में ही शुरू हो गया था। अपने परिवार से प्रोत्साहन और रोहतक रोड जिमखाना क्रिकेट अकादमी में कोच शरवन कुमार के मार्गदर्शन में, उसने जल्दी ही अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। उसकी लगन और प्रतिभा ने जल्द ही उसे प्रसिद्ध क्रिकेट कोच दीप्ति ध्यानी और बाद में दिल्ली महिला टीम के कोच दिशांत याग्निक के अधीन प्रशिक्षण दिलाया।
पढ़ाई और खेल में संतुलन बनाना आसान काम नहीं था, लेकिन Pratika Rawal दोनों में ही सफल रहीं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड से पूरी की, जो दिल्ली के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। उनकी शैक्षणिक यात्रा जीसस एंड मैरी कॉलेज, नई दिल्ली में जारी रही, जहाँ उन्होंने मनोविज्ञान में डिग्री हासिल की।
Pratika Rawal अक्सर बताती हैं कि कैसे मनोविज्ञान की उनकी समझ ने उन्हें क्रिकेट के मैदान पर मदद की है, जिससे उन्हें दबाव में शांत रहने और खेल के मानसिक पहलुओं को समझने में मदद मिली है।
घरेलू करियर(Domestic Career)
प्रतीका (Pratika Rawal) का घरेलू क्रिकेट करियर 2021 में शुरू हुआ जब उन्होंने दिल्ली के लिए खेलना शुरू किया। दिल्ली के साथ अपने कार्यकाल में उन्होंने प्रभावशाली प्रदर्शन किया जिसने क्रिकेट प्रेमियों और चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया। उनका एक बेहतरीन प्रदर्शन 2021-22 सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी के दौरान आया, जहाँ उन्होंने असम के खिलाफ़ 155 गेंदों पर नाबाद 161 रन बनाए। यह पारी उनके कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रमाण थी।
2024 की शुरुआत में प्रतीका ने रेलवे में रणनीतिक बदलाव किया, जो घरेलू क्रिकेट में अपनी मजबूत उपस्थिति के लिए जानी जाने वाली टीम है। रेलवे में उनके कदम ने उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट की कुछ बेहतरीन प्रतिभाओं के साथ खेलने का मौका दिया, जिससे उनके कौशल को और निखारा गया और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच के लिए तैयार किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय कैरियर (International Career)
प्रतीका (Pratika Rawal) ने दिसंबर 2024 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया और पहले ही काफी प्रभाव छोड़ चुकी हैं। जनवरी 2025 में आयरलैंड के खिलाफ अपने तीसरे वनडे में उन्होंने 129 गेंदों पर 154 रन बनाकर शतक बनाया1। यह वनडे में भारतीय महिलाओं के लिए सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर था और भारत को 435/5 का अपना सर्वोच्च वनडे स्कोर बनाने में मदद की। स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) के साथ उनकी साझेदारी, जिन्होंने भी शतक बनाया, इस रिकॉर्ड तोड़ने वाले प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई1।
व्यक्तिगत जीवन एवं रुचियां
मैदान के बाहर प्रतीका रावल उतनी ही गतिशील हैं जितनी मैदान पर। उनके पिता प्रदीप रावल उनके जीवन और करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) के साथ BCCI द्वारा प्रमाणित लेवल-II अंपायर, प्रदीप रावल प्रतीका के लिए निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन का स्रोत रहे हैं। वह अक्सर अपने पिता को अपने अनुशासन और खेल की बारीकियों की समझ का श्रेय देती हैं।
क्रिकेट के अलावा, प्रतीका ने बास्केटबॉल में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। जनवरी 2019 में, उन्होंने दिल्ली में 64वें स्कूल नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता, जिससे एक एथलीट के रूप में उनकी बहुमुखी प्रतिभा का पता चलता है। बास्केटबॉल में उनके अनुभव ने क्रिकेट के मैदान पर उनकी चपलता और त्वरित सजगता में योगदान दिया है।